सिर्फ सात महीने में मीजल्स के मामले 3 गुणा बढ़ गए?
विश्व स्वास्थ्य संगठन का दावा है कि पूरी दुनिया में सिर्फ एक साल में मीजल्स के मामले 3 गुणा बढ़ गए हैं। दुनिया भर में सेहत और बीमारियों पर निगाह रखने वाली इस संस्था का मानना है कि मीजल्स के टीके को लेकर जो भ्रम पूरी दुनिया में फैलाया जा रहा है उसी का नतीजा है कि बीमारी नियंत्रण से बाहर होती जा रही है। यही नहीं ये आंकड़ा पूरे साल का नहीं बल्कि साल 2019 के सिर्फ शुरुआती 7 महीने का है।
वैक्सीन के बावजूद दुनियाभर में मीजल्स यानी खसरा के मामलों में 3 गुना बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। पिछले साल से तुलना करें तो इस साल अब तक 7 महीने में ही मीजल्स के मामले 3 गुना बढ़ गए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया कि दुनियाभर में मीजल्स की वैक्सीन को लेकर लोगों का विरोध देखने को मिल रहा है।
2006 के बाद से मीजल्स के सबसे ज्यादा मामले
डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों की मानें तो साल 2019 के शुरुआती 7 महीने में दुनियाभर में मीजल्स के 3 लाख 64 हजार 808 मामले सामने आए हैं जबकि पिछले साल यानी साल 2018 में इस समय तक सिर्फ 1 लाख 29 हजार 239 मामले ही सामने आए थे। WHO के प्रवक्ता क्रिस्चियन लिंडमेयर ने कहा कि साल 2006 के बाद से मीजल्स के ये सबसे ज्यादा रजिस्टर्ड मामले हैं। ये आंकड़े इसलिए भी चौंकाने वाले हैं क्योंकि दुनियाभर में सिर्फ 10 में 1 केस ही रिपोर्ट होता है और बाकी के मामले रिपोर्ट भी नहीं होते।
10-12 दिन बाद दिखाई देते हैं लक्षण
मीजल्स यानी खसरा बेहद संक्रामक वायरल बीमारी है। सुरक्षित और प्रभावी वैक्सीन के उपलब्ध होने के बावजूद यह बीमारी विश्व स्तर पर छोटे बच्चों की मृत्यु का एक महत्वपूर्ण कारण बनी हुई है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, खसरा संक्रमित व्यक्तियों के खांसी या छींक के साथ निकलने वाली बूंदों के हवा में फैलने व दूसरे व्यक्ति के इसके संपर्क में आने से फैलता है। इस रोग के प्रारंभिक लक्षण 10 से 12 दिनों बाद ही दिखाई देते हैं। हालांकि मीजल्स को रोकने के लिए 2 डोज वैक्सीन और टीके उपलब्ध हैं लेकिन डब्ल्यूएचओ ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में वैक्सिनेशन रेट में तेजी से कमी देखने को मिल रही है।
अफ्रीका रीजन में इस बीमारी में 900 प्रतिशत की बढ़ोतरी
अफ्रीका रीजन में जहां मीजल्स के केसेज में 900 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिल रही है वहीं, अमेरिका में भी अब तक साल 2019 में करीब 1200 मीजल्स के मामले सामने आ चुके हैं जबकि पिछले साल 2018 में अमेरिका में सिर्फ 372 मामले सामने आए थे। यूरोप में अब तक 90 हजार से ज्यादा मीजल्स के केसेज रिपोर्ट हो चुके हैं। डब्ल्यूएचओ का दावा है कि मीजल्स की वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित और बेहद कारगर है लेकिन लोगों के बीच इसकी वैक्सीन को लेकर भ्रम और गलत बातें फैलायी जा रही हैं, जिस वजह से लोग वैक्सीन लेने से परहेज कर रहे हैं और मीजल्स के मामले बढ़ रहे हैं।
(नवभारतटाईम्स की वेबसाइट से साभार)
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